कृष्ण का अर्थ है, सबसे अधिक आकर्षक -जो आपकी आत्मा है, आपका अस्तित्व है
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Janmashtami 2019: 14 वर्षों के बाद श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में बना महासंयोग वरदान के बराबर
- ast updated: Fri, 23 Aug 2019 02:23 PM IST
रोहिणी नक्षत्र में जन्माष्टमी पर लौहनगरी कृष्णमयी होने लगा है। 23 अगस्त को जन्माष्टमी व्रत है तो 24 अगस्त को कृष्णाष्टमी का व्रत है। ईस्कॉन समेत कई मंदिर कमेटी और संस्थाएं जन्माष्टमी को यादगार बनाने की तैयारी की हैं। जन्माष्टमी पर ग्रह गोचरों का महासंयोग वरदान होगा। इस तिथि पर छत्र योग, सौभाग्य सुंदरी योग और श्रीवत्स योग बन रहा है। पूजन और व्रतियों के लिए फलदायी सिद्ध होगा। 14 वर्षों के बाद तीन संयोग एक साथ बना है। जन्माष्टमी के समय सूर्य देव अपनी सिंह राशि में रहेंगे।
भगवान श्रीकृष्ण की प्राण प्रतिष्ठा रात्रि 12.10 बजे के बाद ही सर्वश्रेष्ठ है। अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र दोनों का अपूर्व संयोग से मध्य रात्रि में जन्मोत्सव मनेगा।
ईस्कॉन का जन्माष्टमी 23 से
ईस्कॉन का तीन दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव 23 अगस्त से शुरू होगा। मद्रासी सम्मेलनी बिष्टूपुर में पहले दिन विद्यार्थियों के लिए शाम पांच बजे चित्रांकन स्पर्धा, संध्या आरती, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। शाम सात बजे भक्ति पुरुषोत्तम स्वामी महाराज जी प्रवचन देंगे।
Janmashtami 2019: इस बार दो दिन मनेगी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जानें महत्व, पूजा विधि
ईस्कॉन का तीन दिवसीय जन्माष्टमी महोत्सव 23 अगस्त से शुरू होगा। मद्रासी सम्मेलनी बिष्टूपुर में पहले दिन विद्यार्थियों के लिए शाम पांच बजे चित्रांकन स्पर्धा, संध्या आरती, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। शाम सात बजे भक्ति पुरुषोत्तम स्वामी महाराज जी प्रवचन देंगे।
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बालगोपाल पूजा, हंडी फोड़
ईस्कान के जन्माष्टमी महोत्सव में शोभायात्रा में शहर और बाहर के श्रीकृष्ण भक्त शामिल होंगे।
परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी मंदिर में अखंड हरिकीर्तन होगा। गोविंदपुर, सूर्य मंदिर सिदगोड़ा और महाराष्ट्र हितकारी मंडल में बाल गोपाल पूजा और हंडी फोड़ आकर्षण का केंद्र होगा।
ईस्कान के जन्माष्टमी महोत्सव में शोभायात्रा में शहर और बाहर के श्रीकृष्ण भक्त शामिल होंगे।
परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी मंदिर में अखंड हरिकीर्तन होगा। गोविंदपुर, सूर्य मंदिर सिदगोड़ा और महाराष्ट्र हितकारी मंडल में बाल गोपाल पूजा और हंडी फोड़ आकर्षण का केंद्र होगा।
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