अगर चूक गए ITR फाइलिंग की डेडलाइन, 31 दिसंबर तक रिटर्न भरने का है विकल्प
- Get link
- X
- Other Apps
- Last updated: Tue, 03 Sep 2019 07:09 PM IST
क्या आप भी आयकर रिटर्न (ITR) की डेडलाइन 31 अगस्त तक रिटर्न फाइल करने से चूक गए। तो आप परेशान न हो आपके पास 31 दिसंबर तक आयकर रिटर्न फाइल कर सकते हैं लेकिन आपको 5000 रुपये पेनल्टी भरनी होगी। ये भी हो सकता है कि इस बीच आपके पास आयकर विभाग का नोटिस आ जाए। घबराएं नहीं आपके पास 31 दिसंबर तक पेनल्टी के साथ आईटीआर भरने का विकल्प है।
महंगी पड़ती है देरी- इतना लगता है जुर्माना
- एक हजार जुर्माना रिटर्न में देरी पर, पांच लाख से कम आय पर।
- पांच हजार जुर्माना 31 अगस्त के बाद और 31 दिसंबर तक रिटर्न भरने पर।
- दस हजार जुर्माना 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरने पर।
- तीन माह से सात साल तक की जेल रिटर्न में देरी पर।
- एक हजार जुर्माना रिटर्न में देरी पर, पांच लाख से कम आय पर।
- पांच हजार जुर्माना 31 अगस्त के बाद और 31 दिसंबर तक रिटर्न भरने पर।
- दस हजार जुर्माना 1 जनवरी से 31 मार्च तक रिटर्न भरने पर।
- तीन माह से सात साल तक की जेल रिटर्न में देरी पर।
नोटिस से घबराएं नहीं
अंतिम तारीख तक रिटर्न नहीं भरने पर विभाग सबसे पहले नोटिस भेजता है जिसमें यह बताने को कहा जाता है कि आपने रिटर्न क्यों नहीं भरा। टैक्स सलाहकारों का कहना है कि नोटिस मिलने पर घबराने की जरूरत नहीं है। कर अधिकारी टैक्स नहीं भर पाने की सही वजह जानना चाहते हैं। सही वजह बताने पर जुर्माना लगा कर रिटर्न भरने की अनुमति मिल जाती है।
अंतिम तारीख तक रिटर्न नहीं भरने पर विभाग सबसे पहले नोटिस भेजता है जिसमें यह बताने को कहा जाता है कि आपने रिटर्न क्यों नहीं भरा। टैक्स सलाहकारों का कहना है कि नोटिस मिलने पर घबराने की जरूरत नहीं है। कर अधिकारी टैक्स नहीं भर पाने की सही वजह जानना चाहते हैं। सही वजह बताने पर जुर्माना लगा कर रिटर्न भरने की अनुमति मिल जाती है।
देरी से रिटर्न फाइल करने पर होता है ये नुकसान
आप आयकर रिटर्न तय तारीख के जितना दिन बाद रिटर्न भरते हैं उतना ज्यादा ही आर्थिक नुकसान होता है। टैक्स सलाहकार के.सी.गोदुका का कहना है कि जब आप रिटर्न फाइल करते हैं तो टीडीएस या अन्य रूप में अधिक चुकाए गए कर को आयकर विभाग रिफंड करता है। साथ ही इसपर ब्याज भी देता है। लेकिन देरी से भरने पर ब्याज नहीं देता है।
आप आयकर रिटर्न तय तारीख के जितना दिन बाद रिटर्न भरते हैं उतना ज्यादा ही आर्थिक नुकसान होता है। टैक्स सलाहकार के.सी.गोदुका का कहना है कि जब आप रिटर्न फाइल करते हैं तो टीडीएस या अन्य रूप में अधिक चुकाए गए कर को आयकर विभाग रिफंड करता है। साथ ही इसपर ब्याज भी देता है। लेकिन देरी से भरने पर ब्याज नहीं देता है।
मिलती हैं कई रियायतें
जब करदाता सही समय पर रिटर्न भरता है तो विभाग उसे कई तरह की रियायतें देता है। इसके तहत कारोबार या शेयर में हुए नुकसान की भरपाई का लाभ टैक्स छूट के रूप में मिलता है। वहीं मकान बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई अगले आठ वित्त वर्ष में पूरा करने की छूट मिलती है। लेकिन रिटर्न भरने में देरी पर ये लाभ नहीं मिलते हैं। अन्य फायदे भी नहीं मिलते हैं।
जब करदाता सही समय पर रिटर्न भरता है तो विभाग उसे कई तरह की रियायतें देता है। इसके तहत कारोबार या शेयर में हुए नुकसान की भरपाई का लाभ टैक्स छूट के रूप में मिलता है। वहीं मकान बेचने पर हुए नुकसान की भरपाई अगले आठ वित्त वर्ष में पूरा करने की छूट मिलती है। लेकिन रिटर्न भरने में देरी पर ये लाभ नहीं मिलते हैं। अन्य फायदे भी नहीं मिलते हैं।
Comments
Post a Comment